भारतीय भाषाएं- Indian languages









भारतीय भाषाएं




परिचय-  भारत में भाषाई दृष्टि से अत्यधिक विविधता दृष्टिगोचर होती है भारत की भाषाई विविधता किस की इतिहास की प्राचीनतम के साथ घनिष्ठ रूप से जुड़ी हुई है । इतिहास के विभिन्न कालों में यहां अनेक  नृजातीय जातीय समूहों का आगमन हुआ। ये समय यहां का आकार यहीं के हो गए, अतः इन्होंने अपने साथ अपनी भाषाओं की भी भारतीय भाषिक परिदृश्य पर उपस्थिति दर्ज करा दी। इस प्रकार वर्तमान भारत की विभिन्न भाषाएं भारत आने वाले विभिन्न नृजातीय समूह से संबंधित विभिन्न भाषाएं परिवारों के साथ सामंजस्य स्थापित की है। इतना ही नहीं वर्षों से विभिन्न प्राचीन भाषाओं के बीच आपसी अंत क्रियाएं भी होती रही हैं। जिससे अनेक नई भाषाएं की उत्पत्ति हुई है। भाषा के संबंध में दृष्टि जानकारियां 1961 की जनगणना में एकत्रित की गई थी । 1971 की जनगणना रिपोर्ट के अनुसार भारत में 1652 मातृभाषा है तथा 187 भाषाएं थी। इन 187 में से 94 भाषाएं 10,000 से भी कम लोगों द्वारा बोली जाती है । तथा सिर्फ 33 भाषाएं ही ऐसी है जिनके बोलने वालों की संख्या 100000 से अधिक है । देश की

97% जनसंख्या सिर्फ 23 भाषाएं ही बोलती हैं। 18 भाषाओं को भारत के संविधान आठवीं अनुसूची में रखा गया है । एक लाख से अधिक जनसंख्या बोली जाने वाली भाषाएं इस प्रकार हैं।


भारत की मुख्य भाषाएं एवं अनेक बोलने वालों की संख्या-

भारत में हिंदी मातृभाषा भारत में बोलने वालों की संख्या 153729062 है, तेलुगु मातृभाषा भारत में बोलने वालों की संख्या 44707797, भारत में बांग्ला मातृभाषा बोलने वालों की संख्या 44521533, भारत में मराठी मातृभाषा बोलने वालों की संख्या 41723893, तमिल मातृभाषा भारत में बोलने वालों की संख्या 37593749, भारत में इस समय योगी बने वालों की संख्या 28600428, गुजराती मातृभाषा भारत में बोलने वालों की संख्या 25656274, मलयालम मातृभाषा भारत में बोलने वालों की संख्या 21917430, गुजराती मातृभाषा वालों की संख्या 21917430, भारत में कनणंड मातृ भाषा बोलने वालों की संख्या 21575019, मातृभाषा उड़िया भारत में बोलने वालों की संख्या 19736745, मातृभाषा भोजपुरी भारत में बोलने वालों की संख्या 14340564, मातृभाषा पंजाबी भारत में बोलने वालों की संख्या 13900202, भारत में असमिया मातृ भाषा बोलने वालों की संख्या 8958977, भारत में छत्तीसगढ़ी मातृभाषा बोलने वालों की संख्या 6693445, मातृभाषा मगध भारत में बोलने वालों की संख्या 6638495, मातृभाषा मैथिली भारत में बोलने वालों की संख्या 6121922, मारवाड़ी मातृभाषा 4714094, संथाली मातृभाषा भारत में बोलने वालों 3693558, राजस्थानी मातृभाषा भारत में बोलने वालों की संख्या 2093557,


आंकड़े संभावित सूचक मात्र नहीं है


भारत में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा हिंदी है जिसे 15 करोड़ से भी अधिक लोग बोलते हैं तेलुगु तथा बंगला क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर है जो क्रमशः आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल में अधिकांश रूप से बोली जाती है इनके बोलने वालों की संख्या 4.5 करोड़ है भारत में भाषाओं की अधिकता के कारण ही किसी एक भाषा को सारे देश में बोला या समझना असंभव रहा यद्यपि हिंदी का विस्तार क्षेत्र क्रमशाह बढ़ता गया है और वह देश की सबसे बड़ी संपर्क भाषा बनती जा रही है वास्तव में ही वहीं भारत की राष्ट्रभाषा बनने की सच्ची अधिकारी भी है यद्यपि हिंदी को भारत संघ की राजभाषा का दर्जा दिया गया परंतु अंग्रेजी को भी साथ साथिया दर्जा प्राप्त है क्योंकि कुछ दक्षिण भारतीय राज्य सिर्फ हिंदी को राजभाषा के रूप में स्वीकार करने के पक्ष में नहीं है आज स्वतंत्रता प्राप्ति के लगभग आधी शताब्दी बीत जाने के बाद भी अंग्रेजी का भारत की विदाई और न्याय कार्यों की भाषा बने रहना देश के लिए गर्व की बात नहीं मानी जा सकती।


भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में 18 भाषाओं को शामिल किया गया है जिनमें 3 भाषाएं संस्कृत कश्मीरी और सिन्धी भी किसी भी राज्य की राजभाषा नहीं है यह 18 भाषाएं इस प्रकार हैं असमी असम की है बंगला पश्चिम बंगाल की गुजराती गुजरात की हिंदी उत्तर प्रदेश की उत्तरांचल बिहार झारखंड मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ राजस्थान हिमाचल प्रदेश राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली हरियाणा कर्नाटक की कश्मीरी मलयालम केरल मराठी महाराष्ट्र की पूरी उड़ीसा की पंजाबी पंजाब प्रांत की संस्कृति तमिलनाडु की तेलुगू आंध्र प्रदेश की उर्दू जम्मू एंड कश्मीर नेपाली मणिपुर खोपड़ी भाषाओं को पत्र में संविधान संशोधन विधेयक द्वारा आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया है।


Comments